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Cataract

Cataract (मोतियाबिंद)


आँखे मानव के शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग होती है जिससे वह संसार की सुन्दरता व तरह तरह की गतिविधियों का आनंद ले पाता है। यदि आँख में ज़रा-सा भी कुछ हो जाए तो मानो जान निकल जाती है। आँखों की देखभाल बेहद आवश्यक है और बढ़ती उम्र के साथ तो ख़ासकर ध्यान रखना ज़रूरी होता है । बढ़ती उम्र के साथ अक्सर देखा गया है कि 50 से अधिक उम्र के लोगों को मोतियाबिंद की समस्या हो जाती है। तो जानिए मोतियाबिंद है क्या ….

भारत में मोतियाबिंद (Cataract) एक आम समस्या बनकर उभरी है। भारत में इसकी वजह से 50-80 प्रतिशत लोग अपनी आंखों की रोशनी खो रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के हालिया आंकड़ों से यह पता चला है कि भारत में इससे लगभग 25 प्रतिशत लोग प्रभावित हैं और उन्हें इसका इलाज कराने के लिए मोतियाबिंद सर्जरी की आवश्कता पड़ती है।

क्या है मोतियाबिंद? (What is Cataract?)

हर इंसान की आँख में एक लेंस होता है जो की किसी भी चीज़ को जब हम देखते हे उसकी एक स्पस्ट तस्वीर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है । सामान्य रूप से लेंस एकदम पारदर्शी होता है । मोतियाबिंद बीमारी में ये लेंस धुंधला होने लगता है । मोतियाबिंद से पीड़ित लोगों के लिए, इस बादल लेंस (Clouded vision) के माध्यम से देखना एक ठंढा या धूमिल खिड़की के माध्यम से देखने जैसा होता है। इस बीमारी के कारण लोगों को सामान्य गतिविधियों जैसे पढ़ना, कार चलाना (विशेष रूप से रात में) या दोस्त के चेहरे पर भावों को देखना भी मुश्किल हो जाता है।

अधिकांश मोतियाबिंद धीरे-धीरे विकसित होते हैं और यह आंखों की रोशनी को जल्दी से प्रभावित नहीं करते हैं। लेकिन समय के साथ, मोतियाबिंद अंततः परेशानी उत्पन्न कर देता है।

मोतियाबिंद के लक्षण क्या-क्या होते हैं? (Symptoms of Cataract)

किसी भी अन्य बीमारी की तरह मोतियाबिंद के भी अपने कुछ लक्षण होते हैं, जो इस बीमारी के होने का संकेत देते हैं, तो हर व्यक्ति को इन 5 लक्षणों का ध्यान रखना चाहिए और इनमें से किसी भी लक्षण के नज़र आने पर डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए-

  1. धुंधला नज़र आना
  2. पास की चीजों का नज़र न आना- यदि किसी व्यक्ति को पास की चीज़ों को देखने में तकलीफ होती है, तो यह मोतियाबिंद के होने का संकेत हो सकता है।
  3. रात में दिखाई देने में दिक्कत होना- रात में दिखाई देने में या गाड़ी चलाने में दिक्कत होना मोतियाबिंद का संकेत हो सकता है।
  4. दोहरी दृष्टि- मोतियाबिंद होने की संभावना उस व्यक्ति में अधिक रहती है, जो दोहरी दृष्टि (Double Vision) से पीड़ित होता है। दोहरी दृष्टि (Double Vision) से तात्पर्य उस स्थिति से है, जब किसी व्यक्ति को कोई एक वस्तु दो या नज़र आती है। हालांकि, इसका समाधान भेंगापन सर्जरी के द्वारा किया जा सकता है।
  5. आंखों के चश्मे या लेंस पहने पर भी परेशानी होना- जब किसी व्यक्ति को आंखों के चश्मे या लेंस को पहनकर भी चीज़े साफ नज़र नहीं आती है, तो यह स्थिति मोतियाबिंद का संकेत हो सकती है।
  6. रोशनी के प्रति संवेदनशीलता- यदि किस भी प्रकार की रोशनी, लाइट, चमक आंखों पर पड़ने के कारण आँखों में पीड़ा महसूस हो, तो समझा जा सकता है कि वह मनुष्य मोतियाबिंद का शिकार हो चूका है।
  7. रंगों को पहचाने में उलझन- मोतियाबिंद के रोग का एक अन्य लक्षण है भी कि रंगों को पहचाने में दिक्कत का सामना करना। उदाहरण के रूप में देखा जाए तो मोतियाबिंद के मरीज़ को ब्लैक, ब्लू और पर्पल यह तीनों ही रंग एक सामान लगते हैं।

मोतियाबिंद का कारण क्या है? (What is the cause of cataract)

  • बढ़ती उम्र
  • डायबिटीज की समस्या
  • आंखों पर देर तक सूरज की रोशनी पड़ना
  • आंख में किसी तरह की चोट या सूजन होना
  • धूम्रपान का सेवन
  • अल्ट्रावायलेट रेडिएशन के संपर्क में आना
  • रेडिएशन थेरेपी
  • अनुवांशिक